Friday, May 31, 2024

इकरार करो या इंकार करो

 इकरार करो या इंकार करो

अब बस बात यहीं तुम स्वीकार करो, 

हम तुम्हें पसंद करते हैं तुम करती हो कि नहीं?

हम तुमपे मरते हैं तुम हमपे मरती हो कि नहीं?


मेरा एक ही उशूल है कि

किसी को दिल में रखा जाये,

अगर दिल में कोई रह ना सके तो 

उसे बाईज्जत ज़हन से निकाल दिया जाये


किसी को रखना भी हो कहीं तो जहन में 

किसी को क्या रखा जाये, 

जब रखने के लिए किसी के पास

दिल जैसा मंदिर हो तो उसे वहां रखा जाये 


ज़हन में शैतान भी रहता है,

भगवान भी, मगर दिल मंदिर है 

और मेरा मानना है मंदिर में 

केवल भगवान को रखा जाये 


भगवान होने के लिए

किसी को भगवान होना होता है

एक विचार के शिवा 

सबको खोना होता है


तुम केवल मेरा विचार करो तो 

दर्जा मुझसे मेरे भगवान का पा लो

वर्ना परेशान करो मुझे और करके 

तुम दर्जा शैतान का पा लो 

या फिर हटो मन से,जहन से

विचारों का हवा आने दो,  

किसी को मेरा विचार करने दो

किसी को मेरा, किसी का

 मुझे भगवान बनने दो ।।          

काव्य:- तुम रहने दो, रहने दो

 काव्य:- तुम रहने दो, रहने दो 


हमीं गलत, 

हरबार सही तुम 

रहने दो, रहने दो


मेरा मौन भी गलत

बोलने पर बड़बोलापन भी 

तुम रहने दो, रहने दो 


हमीं कहें हरबार तुम्हें 

तुम्हें कभी कुछ कहना नहीं, ना सही 

तुम रहने दो, रहने दो 


हमीं ने किया इजहार तुम्हें

तुम्हें लगता मेरा ही झूठा प्यार सही 

तुम रहने दो, रहने दो 


हमीं ने किया तुम्हें प्यार

प्यार नहीं करना तुम्हें ना सही 

तुम रहने दो रहने दो

कविता:- क्यों न हम एक-दूसरे की ढाल बनें ?

मुश्किलें मेरे लिए भी उतनी ही हैं 

जितनी तुम्हारे लिए 

मगर क्या मुश्किलों से घबराकर

रिश्ते तोड़ लिये जाते हैं ?

मैंने सुना था मुश्किलों के वक्त

रिश्ते ढाल बन जाते हैं 


तुम्हें लगता है कि 

तुम्हारी लड़ाई में मेरा क्या काम,

मेरी लड़ाई में तुम्हारा क्या काम 

मुझे लगता है

भले लड़ाई तुम्हारे अकेले की हो

भले लड़ाई मेरे अकेले की हो मगर 

साथ कोई अपना खड़ा हो तो

हमारा हौसला बढ़ जाता है 


माना मैं तुम्हारे लिए लड़ नहीं सकता

माना तुम मेरे लिए लड़ नहीं सकती

मगर हम एक-दूसरे के मुश्किलों में

साथ खड़े तो रह सकते हैं ना ?

एक दूसरे की ढाल बनकर ?


फिर ऐसे रिश्तों को तोड़ देने का 

तुम्हारा क्या औचित्य है ?

खुशियों में साथ रहने का 

मुश्किलों में छोड़ देने का 


तुम्हारा क्या औचित्य है‌ ? 

Last request

 कविता :- 

       जाने से पहले मेरे सवालों का जबाव देती जाओ



सवाल ये नहीं कि मुझे कोई और मिल जायेगी

सवाल ये भी नहीं कि मैं उसे तुम जितना चाहूंगा

सवाल ये है कि वो तुम जितना मुझे चाहेगी कि नहीं ?

जितना तुम मुझे समझ पाई वो कोई 

मुझे समझ पायेगी कि नहीं 


मेरी हर बातों का जबाव वो दे पायेगी कि नहीं

जब मैं उसके सवालों का जबाव न दे पाऊं

वो मुस्कुरा कर हर बात मुझे प्यार से समझायेगी कि नहीं 

मेरी मुश्किलों में वो मुझे गले लगायेगी कि नहीं


सवाल ये है कि जब मुझे भूख लगे तो

वो अपने हाथों से तुम्हारी तरह खाना खिलायेगी कि नहीं 

जब मेरा प्यास से गला सूखने लगे वो हड़बड़ा कर पानी पिलायेगी कि नहीं ? 


क्या तुम्हें लगता है वो कोई तुमसे 

अच्छा मुझसे प्यार निभायेगी

क्या वो तुम जितना मुझे प्यार दे पायेगी? 

अगर नहीं तो प्लीज़ मुझे छोड़कर मत जाओ

मैं तुम्हारे प्यार के बिना अधूरा हूं और 

तुम्हारे प्यार के बिना मैं कभी पूरा नहीं हो सकता

तुम ही मुझे पूरा कर सकती हो कोई और नहीं 

तुम सुन रही हो ? 

चेहरे दिल का आईना हैं

 कविता:- चेहरे दिल का आईना हैं।


मैं दिल से कहता हूं

तुम दिल की बड़ी खुबसूरत हो

चेहरे की सुंदरता मैंने कभी देखी नहीं किसी की

जो एक सी रहती हो ना मेरी, ना तेरी


क्या तुमने कभी गौर किया है?

चेहरे ढलते हैं सूरज जैसे

जब सूरज उगता है, चेहरे उगते हैं

क्योंकि सुबह दिल की उमंगें सबके चेहरे पर दिखते हैं


कहते हैं चेहरे दिल का आईना हैं

जो दिल कहता है वही चेहरे कहते हैं

फिर कैसे कह सकता है कोई

चेहरे अच्छे हैं चेहरा बूरा है ?


क्या तुमने आईनों के अलग रंग, अलग रूप देखें हैं

देखें होंगें मगर क्या ये रूप दिखाने के अलावा भी कुछ करते हैं, नहीं ना ।

तो फिर चेहरों के अलग रंग अलग रूप देखकर

क्यों तुम्हें ये चेहरे अच्छे, बूरे लगते हैं


अगर लगते हैं तो ये हर चेहरे के पिछे छुपे

दिल की अच्छाई है, दिल की बुराई है

चेहरे और नहीं हैं कुछ भी

तुम्हा

रे दिल की परछाई हैं × २ 

चेहरों की जगह तब्बजो अच्छे दिल को देना तुम

 चेहरे माईने रखते हैं मगर पहली दफा तक

चेहरे माईने रखते हैं मगर दूसरी दफा तक

चेहरे माईने रखते हैं मगर तीसरी दफा तक

इतनी दफा तक मिलने तक दिल मिल जाते हैं मगर 

नहीं मिले तो चेहरे माईने रखते हैं आख़री दफा तक 


आख़री दफा तक ? 

कौन है भला जो हरदम एक सा दिखता है

कौन है भला जो चेहरे को एक सा रखता है

ये तो दिल की प्रकृति है 

चेहरा कहां किसी का हरदम एक सा रहता है 


ऐसे लोगों पे क्या मरना जो बस चेहरे पर मरता है

चेहरा देखकर ही जो बस किसी से प्यार करता है

कल वो चेहरा हो ना ग़र तेरा जो चेहरा आज दिखता है

मिले वो प्यार ही ना तुम्हें जो प्यार आज मिलता है

तो अच्छे चेहरे की जगह तबज्जो अच्छे दिल को देना तुम

अपनी खुद की चेहरे की सुंदरता पर भी ना मोहित होना तुम ।

English translated shayari

 1.)

You will have know the pain, 

if you are human

I have pain of love, 

love is also my medicine.

you give me love or

Give me relief from pain by killing,


When the pain is from an incurable disease

So the medicine is only love and death

you can't give me love

so you just give me death

Even killing someone writhing in such pain

Sometimes it is as virtuous as giving life.


2.)

you tell me lovingly that

I don't love you

I swear on your love

I will forget you that very moment

But you don't agree,

nor do you deny

I remain doubtful 

that

Do you love me ..

कुछ शायरी

 तुम मुझसे प्यार से कह दो 

कि मैं तुमसे प्यार नहीं करती 

क़सम है प्यार का मुझे 

मैं उसी पल तुम्हें भूल बैठूंगा 

मगर ना तुम इकरार करती हो,

ना ही इंकार करती हो

मुझे संशय बना रहता है कि 

तुम मुझसे प्यार करती हो ।।




इसी मदहोशी में मैंने एक उम्र गुजार दिया

कि मैंने ही नहीं उसने भी मुझे प्यार किया

इसी बात पर मैंने एक दिन उससे इजहार किया

पता चला मुझे, उसने नहीं कभी, मैंने ही उससे प्यार किया 



मुझे यकीन था ख़ुद पर 

कि मैं अपनी खामोशियों से भी 

इश्क बयां कर दूंगा उसे

मगर कसूर उसका 

उसे ख़ामोशियों की जूबां

नहीं आती थी ।।




"खुद की अहमियत जानने के लिए

 खुद से मिला करो तुम कभी,

 दूसरों में बहुत व्यस्त रहते हो 

 दो बात खुद से भी किया करो तुम कभी "


 

                   

जिसने मुहब्बत से मुहब्बत का मुझे दिलासा दिया

मैं उसके मुहब्बत में पड़ गया 

चाहे उसने मुझे मुहब्बत का झांसा दिया, 

मैं कितना मुहब्बत का भूखा हूं यारों !

वो एक बार पलकें उठा कर, गिरा कर गई 

मैं उसके इश्क में लूट बेतहाशा गया 




किसी से इश्क निभाने के लिए

किसी को भूल जाता हूं

मुझे आता नहीं है

किसी के साथ अधूरा रहना,

मैं जब भी इश्क करता हूं

तो पूरे दिल से करता हूं 

मैं दिल में रखता नहीं हूं

एक चेहरे के शीवा कोई दूसरा चेहरा



रहना सिखा हैं मैंने खुश 

चाहत से किनारा करके,

दूर रहना ही मुनासिब एक लड़की से

लड़की जब तक बुलाये ना इशारा करके ।।



दुःख एक औरत के होने से है,

दुःख एक औरत से महरूम होने का है 

एक औरत का होना ना होना कितना अजीब है

हर सुख और दुःख के पीछे हाथ एक औरत का है ।।


हाय ! तुमने मुझे ऐसे देखा, मुझमें ऐसा क्या देखा ?

हार गई तुम मुझपर दिल‌, क्या तुमने मेरा दिल देखा ?




उसे गुरूर है अपनी खूबसूरती पर

तो इसमें क्या खता है उसकी 

वो है खुबसूरत तो उसमें है गुरूर

मुझे इश्क है उसी से

तो इसमें क्या खता है मेरी 

मुझे इश्क है उससे तो है इश्क




तुम मुझे ना चाहे और मैं तेरे साथ हूं

ये मेरे लिए कितनी घूटन की बात है 

तु भले अपना माने ना माने मुझे 

मुझमें खामी क्या है मेरी खामी बता

तू हसीन है तो खुबसूरत मैं भी कम नहीं 

खुद को मैं अपना खुदा मानता हूं

और ये मेरे ज़हन की बात है ।। 



कभी पूछना उससे की मेरी याद आती है?

जिसकी यादें मुझे हर रोज तड़पाती है, ।।



चल तेरे इश्क में पागल हुआ मैं 

इश्क इससे भी ज्यादा क्या बख्शूं तुझे मैं 



तुम्हें चाहने से कौन रोक सकता है मुझे

मगर तुमसे भी ये कहना था मुझे 

रोक सकती नहीं तुम भी मुझे 

मगर कह नहीं सकता मैं तुम्हें, 

ये मेरा तुमसे इकतरफा इश्क जो है

कहकर भी भला प्यार कौन करता है ?

मरने वाला भी भला कहकर मरता है ?


                                 

किसी के जिस्म को पा लेना फ़क़त

जिस्म को ही पा लेना है 

किसी का प्यार पाने के लिए

जिस्म के अंदर कौन है, क्या है समझना पड़ता है 




दर्द से वाकिफ होगी,

अगर इंसान हो तुम

मुझे है दर्दे मुहब्बत, 

मुहब्बत दवा भी मेरी

मुझे तुम मुहब्बत दे दो या 

दे दो मारकर दर्द से रिहाई । 


दर्द जब लाइलाज मर्ज का हो 

तो दवा मुहब्बत और मौत ही है 

मुहब्बत दे नहीं सकती अगर 

तो मौत ही दे दो तुम मुझे

ऐसे दर्द से कराहते हुए को मारना भी

कभी जीवन देने सा पून्य कारक होता है ।



"ये बेइंतहां मुहब्बत कि हद थी मेरी कि

मैं उसके इश्क में पागल भी हो जाता 

अगर मिल जाती वो मुझे मगर 

छोड़ो मियां जो मिल ही नहीं पायेगी 

उसके लिए रोना क्या, गाना क्या 

आंसू बहाना क्या, पागल हो जाना क्या ।"


मुझे ना चाहने वाले मेरी चाहत में ऐसे गिरेंगें 

मर जायेंगें वो उस दिन,जिस दिन हम दगा करेंगें । 


जितना तुझे अपने हुस्न का गुरूर है

उतना ही मुझे अपने सुखन का 

तु मिल भी गई मुझे तो बेशक छोड़ दूंगा मैं तुझे 

और तुम्हें नाज़ है इस बात का कि मैं तुमपे मरता हूं

अरे नादान ये सिद्दत ये मुहब्बत मेरे सुखन के लिए है

मेरे सुखन में तू केवल एक कहानी की किरदार सी है

जिसे लिखना और मिटाना हम सुखन गर का काम है। 


उन रिश्तों में दूरियां बहुत जरूरी हैं 

जिन रिश्तों में लोग कहने को अपना हैं 

पास आने से खुद को सम्भाल लें, जरूरी है 

जिन रिश्तों में लोग कहने को अपना हैं । 


तुम्हारी बेरूखी माना मुझको खुदसे दूर करने के लिए है

मगर मेरा ये मान जाना कि मुझको तुमसे इश्क नहीं है 

महज़ ये तय करना होगा कि मुझे सिर्फ तुम्हारे जिस्म की ख्वाहिश थी 

मैंने तुमसे इश्क किया है और ये सज़ा मुकर्रर हुआ है चाहना है तुम्हें उम्र भर के लिए 




तुम्हें चाहूं और तु मिल जाए

इस तरह तुम्हारी चाहतों से मुक्ती नहीं संभव

मगर तुम्हें चाहता रहूं और तू ना मिले

और मिले भी तब जब चाहत भी खत्म हो

तब तुमसे मुक्ति की कोई बात ही ना हो 




वो शख्स जिसने खुदको खो दिया है 

उसे गम नहीं कि दुनिया खो दिया है

मगर ये ख़्याल कि तुम इसी दुनियां में रहती हो

उसे मलाल होता है कि उसने तुमको खो दिया है । 

 



तुम पास हो तुम्हारे साथ गुजारा कर लेंगे हम

तुम दूर हो जाओगी चाहता से किनारा कर लेंगे हम

ये साथ जीने मरने के वादे काम आयेंगी जब आयेंगी 

मगर इन लम्हों को बर्बाद न कर ज़ालिम 

बिछड़ना होगा तब इशारा कर लेंगे हम 


मुझको ये मिला है कितने दिनों के बाद साथ मेरा

मैं भटकता रहा दूसरों में कुछ यूं था कभी हालात मेरा

अब जो मिला हूं खुद से तो खुद को पा ही लूंगा मैं

दूसरों को कब तलक, अब खुद को अपना बना ही लूंगा मैं 



मुझको मेरे जैसी कोई नहीं मिलती

जो मिलती है वो मुझ सी नहीं मिलती 

कितना दर्द भरा है खुद तक का मयस्सर न होना

मैं आधा अंग हूं और मेरी अर्धांगिनी नहीं

 मिलती।


Ghazal:- जिंदगी अब यूं तन्हा कटेगी नहीं

जिंदगी अब यूं तन्हा कटेगी नहीं

साथ देना पड़ेगा उम्रभर के लिए

अब मिले हो जो तुम मिलकर हो जाओ मैं 

तुम बिन गर, मय भी मिला तो कटेगी नहीं 

जिंदगी अब यूं ... ×2


तुम मेरी मय भी हो, मधुशाला तुम्हीं

तुम्हारे बिन मय मिला भी कटेगी नहीं 

जिंदगी अब यूं ...×2


मैं शराबी हूं वो जो मय ढूंढता है

मगर मय भी नहीं मधुशाला के बिन

जिंदगी अब यूं ...×2


तुम मेरी छांव हो, तुम मेरी धूप हो

जो आंखों को जंचे, तुम वो रूप हो

तुम्हें देख कर, अब से मैं जी रहा हूं

तुम दिखो ना तो मैं मर न जाऊं कहीं

जिंदगी अब यूं ...×2


सुन लो तुमको है ये मेरी चेतावनी

मर गया तुम बिन मैं , होगी खूनी तुम्हीं

ये रिश्ता जो मय का मधुशाला से है

यूं ही रिश्ते में तुम बांध लो उम्रभर के लिए


जिंदगी अब यूं ... × 2


 

कविता:- राम नाम की ये जो तुच्छ राजनीति है, क्षणिक है।

सत्य पर असत्य का ये जो विजय है तनिक है क्षणिक है

पूर्णतः असत्य में ये सत्य का जो घालमेल तनिक है क्षणिक है

कब तलक पाखंडी कोई, अत्याचारी ! धार्मिक कहलायेगा

धर्म का जो शाॅल ओढ़े अत्याचारी शकुणिक है क्षणिक है


राम राम कितने राम ?, मेरे राम, तेरे राम, सबके राम !

राम को जो राम माने, वेशक उनपे राम की कृपा बने 

मगर एक राम उनका जो कायर कोई शुंग है क्षणिक है

शांति प्रिय बृहद्रथ को मारकर जो राम बना शुंग है क्षणिक है 


कौन है जो अनभिज्ञ है मौर्यों के तेज से, त्याग से, तप से, 

कौन है जो अनभिज्ञ है बुद्ध के इतिहास से, साकेत से

मैं बता दूं तुम्हें एक अयोध्या कोई बुद्ध का, साकेत है मगर 

इतिहास में, साकेत में अयोध्या-बाबरी का घालमेल क्षणिक है 


अभी तो विराम देता हूं मैं अपनी वाणी को मगर

ये याद रखा जाये कि सत्य सत्य है और झूठ झूठ है 

राम को भी मानने वाले रहेंगें-रहेंगें जानने वाले बुद्ध को 

मगर राम नाम की ये जो तुच्छ राजनीति है तनिक है क्षणिक है 


                                      







 

Poetry:- I apologise for being silent

 I apologise for being silent

Because I had nothing to say to you,

But how is this possible to be silent

When you love someone and

she becomes thought in you 

I knows I knows just only I knows 

how impossible and difficult it is 


I apologise for being silent

Because I have no skill to communicate

To whom who don't want to listen to you

And just blaming you for not being a good communicator


I apologise for being silent

Because I don't want to say I love her

who never ever give a single hint to 

being in love with you and 

expecting you to say something


I apologise for being silent

Because I'm in love with someone

But still I am waiting to say something

When she give me hint

 to say.















नज़्म:- मेरी अभिलाषा

ये जो डर सा लगा रहता है  खुद को खो देने का, ये जो मैं हूं  वो कौन है ? जो मैं हूं !  मैं एक शायर हूं । एक लेखक हूं । एक गायक हूं मगर  मैं रह...