Friday, May 31, 2024

Ghazal:- जिंदगी अब यूं तन्हा कटेगी नहीं

जिंदगी अब यूं तन्हा कटेगी नहीं

साथ देना पड़ेगा उम्रभर के लिए

अब मिले हो जो तुम मिलकर हो जाओ मैं 

तुम बिन गर, मय भी मिला तो कटेगी नहीं 

जिंदगी अब यूं ... ×2


तुम मेरी मय भी हो, मधुशाला तुम्हीं

तुम्हारे बिन मय मिला भी कटेगी नहीं 

जिंदगी अब यूं ...×2


मैं शराबी हूं वो जो मय ढूंढता है

मगर मय भी नहीं मधुशाला के बिन

जिंदगी अब यूं ...×2


तुम मेरी छांव हो, तुम मेरी धूप हो

जो आंखों को जंचे, तुम वो रूप हो

तुम्हें देख कर, अब से मैं जी रहा हूं

तुम दिखो ना तो मैं मर न जाऊं कहीं

जिंदगी अब यूं ...×2


सुन लो तुमको है ये मेरी चेतावनी

मर गया तुम बिन मैं , होगी खूनी तुम्हीं

ये रिश्ता जो मय का मधुशाला से है

यूं ही रिश्ते में तुम बांध लो उम्रभर के लिए


जिंदगी अब यूं ... × 2


 

No comments:

Post a Comment

नज़्म:- मेरी अभिलाषा

ये जो डर सा लगा रहता है  खुद को खो देने का, ये जो मैं हूं  वो कौन है ? जो मैं हूं !  मैं एक शायर हूं । एक लेखक हूं । एक गायक हूं मगर  मैं रह...