चेहरे माईने रखते हैं मगर पहली दफा तक
चेहरे माईने रखते हैं मगर दूसरी दफा तक
चेहरे माईने रखते हैं मगर तीसरी दफा तक
इतनी दफा तक मिलने तक दिल मिल जाते हैं मगर
नहीं मिले तो चेहरे माईने रखते हैं आख़री दफा तक
आख़री दफा तक ?
कौन है भला जो हरदम एक सा दिखता है
कौन है भला जो चेहरे को एक सा रखता है
ये तो दिल की प्रकृति है
चेहरा कहां किसी का हरदम एक सा रहता है
ऐसे लोगों पे क्या मरना जो बस चेहरे पर मरता है
चेहरा देखकर ही जो बस किसी से प्यार करता है
कल वो चेहरा हो ना ग़र तेरा जो चेहरा आज दिखता है
मिले वो प्यार ही ना तुम्हें जो प्यार आज मिलता है
तो अच्छे चेहरे की जगह तबज्जो अच्छे दिल को देना तुम
अपनी खुद की चेहरे की सुंदरता पर भी ना मोहित होना तुम ।
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