कविता:- सफलता का श्रेय
सफलता के दो कदम पीछे ही मेरे अपनों ने साथ छोड़ दिया है
जो बढ़ाया था हाथ उसने मेरी सफलताओं को देखकर मोड़ लिया है
जिन पर विश्वास था मुझे सबसे ज्यादा
उन्होंने मुझे मेरे हालात पर छोड़ दिया है
मैं सफल हो न जाऊं कहीं
उन्होंने मुझसे मुंह मोड़ लिया है
उनको लगता है उनके साथ छोड़ने से मैं टूट कर बिखर जाऊंगा
मूर्ख हैं वो लोग जो सोचते हैं कि जहां वो हैं मैं भी वहीं ठहर जाऊंगा इंसानियत का कोई मतलब ही नहीं है इस दुनियाँ में
वो मुकर जाते हैं किसी की सफलता को देखकर
जो मांगते हैं उनके सफलता की दुआ अपनी झोलियां में
मैंने सोचा था सफलता की सीढ़ी पर चढ़कर
अपनी सफलता का श्रेय किसको दूंगा ?
जब अपनों ने मेरा साथ दिया है तो
निःसंदेह सफलताओं का श्रेय में उनको दूंगा
पर जब अपनों ने मेरा साथ छोड़ा
तो मेरा दिल टूटा तो सही
पर मैंने अपने दिल के टुकड़ों को बिखरने नहीं दिया
इसलिए मैंने अपनी सफलता का श्रेय मुझे दिया है
क्योंकि हर परिस्थिति में मैंने अपने सपनों का साथ दिया है
मैंने मेहनत डटकर किया है ।
About its creation:-
अपने हमेशा अपने ही होते हैं पर जो चापलूसी से अपनापन सिद्ध करना चाहते हैं उनका कोई भरोसा नहीं कि वह कब अपना रंग दिखा दे उनका अपनापन वहीं पर क्यों थम जाता है मदद ? मदद हर कोई किसी की करना चाहता है पर संभवतः मदद तो वो होनी चाहिए कि हमारी मदद से कोई शिखर पर पहुंच जाए और हमारे मन में अभिमान का एक अंश न आए , यह ना आए कि हमने उसकी मदद की है तो उसको हमारा एहसान मानना चाहिए और मूर्खता पूर्ण यह कहते हुए कि क्या वह हमसे बड़ा हो जाएगा तो हमारी इज्जत करेगा ? जहां पर अपनों का सफल होना उनसे देखा नहीं जाता है शायद वह हमसे इतना प्यार करते हैं कि उनसे हमारा दूर जाना अच्छा नहीं लगता है पर क्या प्यार का यही मतलब है कि आप अपने साथी के रास्तों में कांटा बिछाकर उसे रोकें , उनके रास्तों का रोड़ा बनकर उसे रोके यह तो मूर्खता है ना यदि आप सच में उनसे प्यार करते हैं तो उनका अनुसरण कीजिए उनके जैसा कड़ी मेहनत कीजिए ताकि आप उनके साथ चल सके किसी के सफलता के समय हमें उसका साथ नहीं छोड़ना चाहिए यह हमारे प्यार की परीक्षा की घड़ी होती है किसी ने कहा है यदि वह आपसे सच में प्यार करता है तो सफलता की कितनी ऊंचाइयों को छू ले आपको जरूर याद रखेगा पर यदि आप किसी के सफलता के समय मुंह मोड़ लेंगे तो आपके अंदर का इंसान आपको कभी माफ नहीं कर पाएगा आप चाहे जितनी भी किसी की मदद कर ले आपका किया वह हर मदद हमेशा आपको क्षुद्र ही लगेगा जब आप किसी के सफलता के रास्ते का रोड़ा बनेंगे इस कविता की उत्पत्ति का कारण मेरे आसपास के लोग हैं जो दिलासा तो देते हैं कि वह मेरी मदद करेंगे पर वह समय आते ही मुकर जाते हैं । हर सफलता की एक कहानी होती है चाहे वो जैसी हो आप भी लिखिए उस कहानी को ।
Thought:-
यदि आपको किसी की मदद करनी है तो आपको उन्हें ढूंढने की जरूरत नहीं है अपनी जिंदगी में सिर्फ उनकी मदद कर दीजिए जो खुद चलकर आपके दर पर आते हैं ।