समभत: एक लेखक का सपना समाज को अपने नजरिये के अनुसार जितना अच्छा हो सके समाज को बदलने का होता है।
एक लेखक जहाँ कहीं भी समाज में होती बुराईयों को देखता है वह उसकी कड़ी निन्दा करता है। एक लेखक सही मायने में समाज का भविष्य निर्माता होता है, पुनर्जागरण काल से ही लेखकों ने समाज और विश्व को सही पथ दिखाने के लिए नित नये प्रयोग जारी रखें हैं जिस समय छापेखानों का प्रयोग प्रारम्भ हुआ लेखकों को अपनी बात रखने में आसानी हुई। आदि काल से ही समाज को शिक्षित करने के लिए हमारे पूर्वजों ने गुरूकुलों का निर्माण किया होगा जब कागज और लिखने वाले अन्य कोई साधन नहीं होते होंगे तब उन्होंने अपनी बात को हम तक पहुँचाने के लिए अपने बच्चों को शिक्षित करना प्रारम्भ किया होगा जो एक पीढी से दूसरी पिढी को शिक्षित करने का कार्य करती थी तभी आज हमारे पास वर्षों पुराने वेद पुराण जैसे ग्रंथ मौजूद हैं। एक लेखक की वाणी हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण हो सकता है ये साधारण लोग नहीं समझ सकते हैं मगर एक शिक्षित वर्ग इसको भली भांति समझता है और उसे जब भी किसी को पढने का मौका मिलता है वह उसे पढता है और पढकर अपने विचारों और कल्पनाओं को विस्तार देता है, वो लेखक के विचारों से बहस करता है, एक शिक्षित वर्ग एक लेखक को पढकर अपने नजरिये को लेखक द्वारा कहे गये वक्तव्य के समक्ष प्रदर्शित करता है। पढने की आदत एक पाठक को हाजिर जवाबी बनाता है बोलने के लिए शब्द मुहैया करवाता है एक पाठक अच्छे लेखकों को पढकर एक प्रखर वक्ता हो सकता है खुद अच्छा लेखक हो सकता है वह लेखक के उद्देश्यों को पूरा करने वाला उसका एक कड़ी हो सकता है जो लेखक द्वारा कहे गए अच्छे वक्तव्यों को समाज में लोगों तक पहुँचाने का कार्य कर सकता है। एक पाठक होना हमारे लिए हर तरह से फायदेमंद है क्योंकि जीवन का सबसे अच्छा पहलू पढना लिखना है इसमें हमारा यह सोचना कि पढते हुए हम समय नष्ट कर रहे हैं मूर्खता है बशर्ते कि हम अच्छी पुस्तक को पढ रहे हों । एक अच्छा लेखक एक अच्छा पाठक होता है उसका एक ये भी सपना होता है कि वो लोगों को पढकर अपने तथ्यों को आत्मविश्वास के साथ पूरी सच्चाई को जानकर लोगों के समक्ष रखें ताकि किसी भी प्रकार की भरान्ति उत्पन्न न हो । एक लेखक अत्यन्त निष्ठावान और सच्चा होता है ।

धन्यवाद ! आप हमें यूट्यूब पर सुन सकते हैं
सर्च करें -Poetic baatein. यूट्यूब पर
-शुभम् कुमार (कवि और लेखक )

No comments:
Post a Comment