आजादी खुशियों का त्योहार तुम मना लो मेरे यार
जितने गील सकवे हैं धर्म और जात के तुम भूला दो मेरे यार
इक दुश्मन से लड़ लिया अब खुद से लड़ना है
जाति धर्म के बंधन में अब तो हमें ना पड़ना है
हमारा केवल भारतीयता हो इक पहचान तुम जान लो मेरे यार
आजादी खुशियों का त्योहार तुम साथ मिलकर मना लो मेरे यार
मंजूर हमें अब हरगिज नहीं ×२ हम बंटे जाति धर्म के नाम पर
जो बांटे हमें अब उसकी ख़ैर नहीं चाटे हों उसके गाल पर
नहीं चाहिए हमें अब जाति और धर्म के गौरव का सम्मान समझा दो उन्हें यार
हम गौरवान्वित हैं पाकर भारतीयता का पहचान तुम सबको बता दो मेरे यार
आजादी खुशियों का त्योहार तुम साथ मिलकर मना लो मेरे यार
जितने गील सकवे हैं धर्म-जात के तुम भूला दो मेरे यार
हमारी एकता है अनेकता से×२ तो फिर क्यों खड़ा करना है देश को एक धर्म का दे पहचान
हमारा धर्म है सत्य सनातन जिसका प्रकृति है आधार
अब माने भला ना कोई कैसे जो जले कोई तो पहले खुद वो जलता है
आग भी भला कभी किसी को सीतल जल सा लगता है
अगर लगता है जिन्हें उनके बातों का ना है कोई आधार तुम मान लो मेरे यार
बांटे तुम्हें ऐसे मूर्ख तो कभी आपस में बंटना नहीं तुम जान लो मेरे यार
जाने दो छोड़ो सुनना ऐसे मूर्खों की बात तुम हाथ मिला लो मेरे यार
आजादी खुशियों का त्योहार तुम साथ मिलकर मना लो मेरे यार
जितने गील सकवे हैं धर्म-जात के
तुम भूला दो मेरे यार
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