Monday, September 21, 2020

भक्तों के भगवान हुए वो नेता जी !

 

जब से जीता चुनाव उन्होंने बलवान हुए वो नेता जी,

छप्पन इंच का सीना हुआ पहलवान हुए वो नेता जी

देश की मीडिया बिक गई खरीदवान हुए वो नेता जी

फेंक फेंक कर मन की बात मनवान हुए वो नेता जी

शिक्षा छिन शौचालय दिया दयावान हुए वो नेता जी

हङप लिया देश के युवा का पद विद्वान हुए वो नेता जी 

रोजगार छिन चाय पकौड़े की दूकान हुए वो नेता जी 

खूब किये विदेशों की सैर हवाईयान हुए वो नेता जी 

डूब गया देश की अर्थव्यवस्था 
डूबाने वाले जलयान के कप्तान हुए वो नेता जी 

भीख मिला केयर फंड में पैसा बेईमान हुए वो नेता जी 

देशभक्ति छूङवाकर भक्तों के भगवान हुए वो नेता जी 




 


नज़्म:- मेरी अभिलाषा

ये जो डर सा लगा रहता है  खुद को खो देने का, ये जो मैं हूं  वो कौन है ? जो मैं हूं !  मैं एक शायर हूं । एक लेखक हूं । एक गायक हूं मगर  मैं रह...